Source: MoneyControl
एक्सपायरी दिन को लेकर NSE और BSE के बीच घमासान मचा हुआ है। हमारे मैनेजिंग एडिटर अनुज सिंघल से खास बातचीत में BSE MD & CEO सुंदररामन राममूर्ति के कहा है कि एक्सपायरी दिन को लेकर BSE की ओर से SEBI को कोई प्रस्ताव नहीं दिया गया है। एक्सपायरी पर SEBI ने कंसल्टेशन पेपर जारी किया है। BSE ने अपनी ओर से कोई अर्जी नहीं दी है। BSE ने किसी खास दिन की मांग नहीं की है। SEBI को अपनी राय जरूर दी है। एक्सपायरी बदलने पर अभी तक SEBI का आदेश नहीं आया है। SEBI के फैसले के बाद ही कुछ किया जा सकता है। एक्सपायरी के दिन को लेकर SEBI ने राय मांगी थी। इस पर BSE ने अपना पूरा पक्ष रखा है। BSE ने अपनी ओर से कोई डिमांड नहीं रखी है। SEBI के सर्कुलर के बाद अपना प्रस्ताव रखेंगे।
क्या इसी महीने सर्कुलर आएगा ?
इसके जवाब में सुंदररामन ने कहा कि सर्कुलर कब आएगा ये SEBI को तय करना है। SEBI अपने हिसाब से सर्कुलर जारी करेगा
एक्सपायरी दिन को लेकर आपकी निजी राय क्या है?
इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि दो साल पहले ही BSE में वायदा कारोबार शुरू हुआ था। एक्सपायरी के लिए शुक्रवार का दिन मजबूरी में चुना था। SEBI ने राय मांगी तो मेंबर्स मंगलवार के पक्ष में आए हैं। SEBI की मंजूरी से मंगलवार को एक्सपायरी शुरू की है।
एक्सपायरी के दिन से फर्क पड़ता है?
इसके जवाब में सुंदररामन ने कहा कि सोमवार या शुक्रवार की एक्सपायरी से फर्क पड़ सकता है। वीकेंड के बाद की एक्सपायरी में रिस्क बढ़ सकता है।वीकेंड में कोई बड़ा एक्शन हुआ तो दिक्कत हो सकती है। सेंसेक्स में सिर्फ शुक्रवार को ही बड़ा वॉल्यूम आता था। मंगलवार की एक्सपायरी से कई हफ्तों के लिए पोजीशन बन रही है। NSE के मैच्योर प्रोडक्ट्स के लिए एक्सपायरी के दिन से फर्क नहीं पड़ता।
BSE का डेरिवेटिव पर रोडमैप क्या?
सुंदररामन ने कहा कि बैंकिंग से जुड़े डेरिवेटिव प्रोडक्ट बने रहेंगे। मंथली एक्सपायरी में वॉल्यूम आने में वक्त लगेगा। लोगों को वीकली एक्सपायरी की आदत लग गई थी।
BSE के डेरिवेटिव में कितनी ग्रोथ?
इस पर उन्होंने कहा कि डेरिवेटिव में काफी काम बाकी, अभी तो बस शुरुआत है। BSE अपना इंफ्रास्ट्रक्चर और मजबूत कर रहा है। विदेशी निवेशकों को आकर्षित किया जा रहा है। विदेशी निवेश में BSE के लिए बड़ा मौका है। BSE सरकार को अपना सुझाव दे रहा है। ग्लोबल निवेशकों को भारत की ग्रोथ स्टोरी से जोड़ने की कोशिश जारी है।
खास सिक्के के बारे में कैसे सोचा?
BSE के 150 साल पूरे होने का मौका खास है। सरकार से खास सिक्का जारी करने का अनुरोध किया था। सरकार ने 150 साल पूरे होने पर सिक्का जारी किया है। अगले 150 सालों के लिए क्या विजन है? इस पर बात करते हुए सुंदररामन ने कहा कि BSE का इंफ्रास्ट्रक्चर और मजबूत करना है। अच्छे वर्क कल्चर को बढ़ावा दे रहे हैं।
क्या F&O पर सख्ती और बढ़नी चाहिए?
इस पर उन्होंने कहा कि F&O की लत दूर करने के लिए नए प्रोडक्ट जरूरी हैं। कम रिस्क वाले प्रोडक्ट पर फोकस करना चाहिए। MF और बॉन्ड को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। रिटेल को कॉरपोरेट बॉन्ड में मौका मिलना चाहिए। एक्सचेंज को भी कम रिस्क वाले प्रोडक्ट लाने चाहिए। इंडेक्स से जुड़े MF प्रोडक्ट को बढ़ावा दिया जा रहा है।
क्या रिटेल निवेश की रफ्तार बनी रहेगी?
इसके जवाब में सुंदररामन ने कहा कि बाजार में रिटेल की भागीदारी और बढ़ेगी। लोगों का भारत की ग्रोथ स्टोरी पर भरोसा बढ़ा है। रेगुलेटर निवेशकों के हितों में कदम उठा रहे हैं। स्टॉक एक्सचेंज के लक्ष्य व्यापक हो गए हैं। रेगुलेटर्स पर रिटेल निवेशकों का भरोसा बढ़ा
SME IPOs में बैलेंस कैसे बने?
इसके जवाब में उन्होंने कहा कि समुद्र मंथन में पहले विष ही निकला था। रेगुलेटर और एक्सचेंज सुधार कर रहे हैं। गड़बड़ी पकड़ने के लिए AI का इस्तेमाल किया जा रहा है। BSE अपनी ओर से सतर्कता बढ़ा रहा है।
BSE में क्या बदलाव करेंगे?
इस पर सुंदररामन ने कहा कि प्रतिभाओं की तलाश और विकसित करने पर फोकस है। नए प्रोडक्ट डेलवप करने पर फोकस कर रहे हैं। कम रिस्क वाले प्रोडक्ट लाने की कोशिश है।वन मैन आर्मी के बजाए सबको सशक्त बनाने पर फोकस किया जा रहा है।
Tags: #share markets
First Published: May 23, 2025 1:49 PM
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