Source: MoneyControl
Stock market : 30 मई को भारतीय बेंचमार्क इंडेक्सों ने जून डेरिवेटिव सीरीज की शुरुआत सुस्ती के साथ की। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के मजबूत निवेश और घरेलू ग्रोथ की अच्छी संभावनाओं की खुशी पर जीडीपी आंकड़ों से पहले की सतर्कता और मिलेजुले ग्लोबल संकेतों का असर हावी हो गया। अमेरिकी फेडरल अपील अदालत द्वारा निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए विदेशी आयातों पर ट्रंप टैरिफ को बहाल करने के बाद भी निवेशकों के सेंटीमेंट पर असर पड़ा। कारोबारी सत्र के अंत में सेंसेक्स 182.01 अंक या 0.22 फीसदी की गिरावट के साथ 81,451.01 पर और निफ्टी 82.90 अंक या 0.33 फीसदी की गिरावट के साथ 24,750.70 पर बंद हुआ। आज लगभग 1,751 शेयरों में तेजी आई, 2,087 शेयरों में गिरावट आई और 114 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ।
ब्रॉडर मार्केट में मिलजुला कारोबार देखने को मिला। स्मॉलकैप शेयरों ने बेहतर प्रदर्शन जारी रखा,जबकि मिडकैप काउंटर निगेटिव जोन में फिसल गए। इस बीच, बाजार में उतार-चढ़ाव कम हुआ। वोलैटिलिटी इंडेक्स इंडिया VIX में 2 फीसदी की और गिरावट आई, जो जोखिम में लगातार कमी आने का संकेत है।
सेक्टोरल इंडेक्सों पर नजर डालें तो निफ्टी आईटी इंडेक्स सबसे ज्यादा टूटा। टीसीएस, इंफोसिस और एचसीएल टेक्नोलॉजीज के शेयरों में 2 फीसदी तक की गिरावट आई। यह कमजोरी अमेरिकी फेडलर अपील कोर्ट के उस फैसले के बाद आई, जिसमें राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ को अस्थायी रूप से बहाल कर दिया गया है।
बाजार की आगे की चाल पर बात करते हुए एक्सिस सिक्योरिटीज के रिसर्च हेड अक्षय चिंचलकर ने कहा कि निफ्टी के लिए 24,677 पर तत्काल सपोर्ट और 25,000 पर रेजिस्टेंस है। उन्हें उम्मीद है कि इंडेक्स शॉर्ट टर्म में रेंज-बाउंड रहेगा।
एक्सिस म्यूचुअल फंड के फंड मैनेजर कार्तिक कुमार ने भी इसी नजरिए को दोहराया। उन्होंने कि नतीजों के सीजन की शुरुआत मजबूत रही। हालांकि पहले से उम्मीदों कम रखी गई थीं। इसके कारण इसके कारण भी चौथी तिमाही के नतीजे ठीक-ठाक लग रहे हैं। अब बाजार का वैल्यूएशन एक बार फिर पहले के टॉप पर पहुंच गया है। ऐसे में बाजार की आगे की तेजी वित्त वर्ष 2025-26 और 2026-27 के अर्निंग्स अनुमानों की मजबूती पर निर्भर करेगी। उन्हें उम्मीद है कि तब तक बाजार एक सीमित दायरे में सपाट कारोबार करता रहेगा।
कुमार ने यह भी कहा कि हाल के महीनों में अमेरिका की वजह से पैदा हुई आर्थिक अनिश्चितता और टैरिफ-संबंधी चिंताओं के कारण ग्रोथ स्टॉक पर दबाव पड़ा है। उन्होंने CNBC-TV18 से बातचीत में कहा,"बाजार ने ग्रोथ स्टॉक्स की पिटाई की है।" लेकिन उनका मानना है कि वित्त वर्ष 2026 और वित्त वर्ष 2027 के अर्निंग्स के अनुमान स्थिर होने के साथ ही बाजार में आगे अच्छी रिकवरी देखने को मिल सकती है। उनकी लॉन्ग टर्म के नजरिए से ग्रोथ की संभावना वाले क्वालिटी शेयरों पर दांव लगाने की सलाह है।
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Tags: #share markets
First Published: May 30, 2025 4:32 PM
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