Bank of Baroda cuts lending rate by 50 bps as repo falls to 5.50% Multibagger small-cap stock approves 1:5 stock split, 2:1 bonus share issue; Do you own? Uncertainty to linger for tech; cement and real estate show pockets of strength: BofA Securities SIP Calculation at 12% Annualised Return: Rs 30,000 monthly SIP for 10 years, Rs 15,000 for 20 or Rs 10,000 for 30, which can make you a crorepati? Suzlon Energy: सुजलॉन में होने वाली है ब्लॉक डील, प्रमोटर बेचेंगे 20 करोड़ शेयर; जानिए क्या है पूरा प्लान Suzlon Energy Block Deal: Promoters plan to sell 20 crore shares worth ₹1,300 crore PNC Infratech wins ₹240 crore flyover project from Rajasthan PWD Lupin gets US FDA tentative nod for oxcarbazepine ER tablets
News Image

Market Outlook: शॉर्ट टर्म में बाजार में अनिश्चितता रहेगी जारी, बैंक, फार्मा सेक्टर में निवेश से बनेगा पैसा

Published on: June 7, 2025, 1:13 pm

Source: MoneyControl

Market Outlook: RBI क्रेडिट पॉलिसी के बाद बाजार का जोश फुल हाई है। रेपो रेट, CRR कटौती के बाद बाजार जमकर झूमा । सेंसेक्स-निफ्टी करीब 1% की बढ़त पर बंद हुए। सेंसेक्स 747 प्वाइंट चढ़ा तो निफ्टी ने 252 प्वाइंट की छलांग लगाई। निफ्टी बैंक रिकॉर्ड ऊंचाई पर बंद हुआ। ऐसे में बाजार में आगे की चाल पर बात करते हुए ICICI Pru AMC के सीनियर फंड मैनेजर मित्तुल कलावाडिया (Mittul Kalawadia) ने कहा कि शॉर्ट टर्म में अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है। डोमेस्टिक, मैक्रोइकॉनॉमिक्स ठीक है, लेकिन ग्लोबल इकोनॉमी में अनसर्टेनिटी है। ग्लोबल इकोनॉमी से भारतीय बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। हालांकि ग्लोबल स्लोडाउन का कितना असर देखना होगा यह कहना मुश्किल है।

कई सेक्टर्स पर ग्लोबल स्लोडाउन का असर दिखा। कई सेक्टर के वैल्युएशन बहुत महंगे है। वोलैटिलिटी में हाइब्रिड स्ट्रैटेजी बेहतर होती है।

किन सेक्टर्स में फोकस?इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि बैंकिंग सेक्टर में निवेश बढ़िया है। बैंकिंग सेक्टर के वैल्युएशन भी किफायती है। रिटेल सेक्टर में एक्सपोजर ज्यादा है। टेलीकॉम, ऑटो सेक्टर में संभावनाएं नजर आ रही है क्योंकि टेलीकॉम सेक्टर के वैल्युएशन भी सही है। फार्मा सेक्टर में हमारा एक्सपोजर है।

हाइब्रिड फंड की स्ट्रैटेजी पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि कई एसेट क्लास में निवेश की स्ट्रैटेजी होती है। इक्विटी और डेट, दोनों में निवेश होता है। डेट-इक्विटी में अलग-अलग एक्सपोजर है। इससे पोर्टफोलियो में डायवर्सिफिकेशन में मदद मिलती है। इक्विटी फंड के मुकाबले हाइब्रिड में रिस्क कम है। लंबी अवधि में कंपनियों के इक्विटी स्टॉक में निवेश किया। ये स्कीमें इक्विटी के जरिए पूंजी को बढ़ाती हैं। कम रिस्क लेने वाले निवेशकों के लिए सही है। वोलैटिलिटी में हाइब्रिड की परफॉर्मेंस बढ़िया रही।

कितने तरह के हाइब्रिड फंड?कंजर्वेटिव हाइब्रिड, बैलेंस्ड हाइब्रिड, एग्रेसिव हाइब्रिड, बैलेंस्ड एडवांटेज फंड, मल्टी एसेट एलोकेशन फंड, आर्बिट्राज फंड और इक्विटी सेविंग्स फंड ये सभी हाइब्रिड फंड है।

आईसीआईसीआई प्रू इक्विटी और डेट फंड पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि 65-80% इक्विटी, इक्विटी इंस्ट्रूमेंट में एक्सपोजर है। इक्विटी से ग्रोथ और डेट से स्थिरता आती है। फंड को बाजार के उतार-चढ़ाव के हिसाब से मैनेज करते हैं। लंबी अवधि के लिए निवेश करने की सलाह होगी। एसेट एलोकेशन को बैलेंस करके निवेश करें।

Market This week: आरबीआई का डबल डोज, 2 हफ्ते की गिरावट पर लगा ब्रेक, इस हफ्ते वीकली आधार पर बाजार में दिखी बढ़त

(डिस्क्लेमर: मनीकंट्रोल.कॉम पर दिए गए विचार एक्सपर्ट के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदाई नहीं है। यूजर्स को मनी कंट्रोल की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले सार्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।

Tags: #share markets

First Published: Jun 07, 2025 12:48 PM

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।

© Copyright 2025 Stock Gram. All Rights Reserved.

     Privacy Policy