Source: MoneyControl
आरबीआई ने रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट्स की कमी चौंका दिया। केंद्रीय बैंक ने दूसरे बड़े फैसले में कैश रिजर्व रेशियो (सीआरआर) में 100 बीपीएस की कमी करने का ऐलान किया। इससे बैंकिंग सिस्टम में अतिरिक्त 2.5 लाख करोड़ रुपये आएंगे। सीआरआर में कमी चार चरणों में सितंबर से नवंबर के बीच होगी। आरबीआई के दोनों बड़े ऐलान से साफ है कि उसका फोकस इकोनॉमिक ग्रोथ बढ़ाने पर है।
लोन सस्ता होगा और आसानी से मिलेगा
RBI के ये दोनों फैसले ऐसे वक्त आए हैं, जब इकोनॉमी में डिमांड सुस्त पड़ रही है। उम्मीद है कि इन दोनों फैसलों का डिमांड पर पॉजिटिव असर पड़ेगा। इकोनॉमी में रिटेल और इंडस्ट्रियल डिमांड बढ़ेगी। एक्सपर्ट्स का कहना है कि केंद्रीय बैंक के फैसलों से कुछ खास सेक्टर की कंपनियों को ज्यादा फायदा होगा। डिमांड बढ़ने से कंपनियों की अर्निंग्स ग्रोथ बढ़ेगी, जिससे वैल्यूएशन सही लेवल पर आएगी। वैल्यूएशन सही लेवल पर आते ही विदेशी निवेशक (FIIs) इंडियन मार्केट्स में निवेश में दिलचस्पी दिखाना शुरू कर देंगे।
रियल एस्टेट और इससे जुड़ी कंपनियों को होगा फायदा
घरों की EMI घटने और लोन सस्ते होने से लोगों के हाथ में ज्यादा पैसे बचेंगे। इसका काफी फायदा रियल एस्टेट सेक्टर को होगा। साथ ही रियल एस्टेट सेक्टर को इलेक्ट्रिकल फिटिंग्स, पेंट्स, सैनिटरी वेयर्स आदि की सप्लाई करने वाली कंपनियों पर भी इसका पॉजिटिव असर पड़ेगा। इन कंपनियों में Dalmia Bharat, Havells India, Kajaria, Cera Sanitaryware और Prince Pipes शामिल हैं। Polycab, Crompton consumer और Bluestar के शेयरों में भी तेजी दिख सकती है।
टू-व्हीलर्स और कार कपनियों के शेयरों में आएगी तेजी
लोन सस्ता होने से टू-व्हील्स और कारों की मांग बढ़ने की उम्मीद है। इसका असर Hero MotoCorp, TVS Motor और Eicher Motors जैसे कंपनियों के शेयरों पर पड़ेगा। Maruti Suzuki और Mahindra & Mahindra जैसी कंपनियों की गाड़ियों की डिमांड बढ़ सकती है। इंडिया में गाडियों की कुल बिक्री में लोन लेकर गाड़ी खरीदने वाले लोगों की हिस्सेदारी काफी ज्यादा है। लोन सस्ता होने का सबसे ज्यादा असर टू-व्हीलर्स कंपनियों पर पड़ता है।
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बड़ें बैंकों का प्रदर्शन बेहतर रहने की उम्मीद
बीते कुछ समय से बैंकिंग सेक्टर अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। इस साल निफ्टी 6 फीसदी चढ़ा है, जबकि Bank Nifty में 11 फीसदी का उछाल आया है। लेकिन, इंटरेस्ट रेट घटने का खराब असर बैंकों पर पड़ सकता है। बैंकों के मार्जिन पर दबाव बढ़ सकता है। इससे तिमाही दर तिमाही आधार पर बैंकों के नेट इंटरेस्ट मार्जिन (NIM) देखने को मिल सकती है। लेकिन, आरबीआई के सीआरआर घटाने से बैंकों के पास लोन देने के लिए ज्यादा पैसे उपलब्ध होंगे। इसका फायदा बड़े बैंकों को मिल सकता है। HDFC, ICICI bank, Kotak Bank, SBI जैसे बैंकों के शेयरों में तेजी आ सकती है। खास बात यह है कि इन शेयरों की वैल्यूएशन अट्रैक्टिव लेवल पर है।
Tags: #share markets
First Published: Jun 06, 2025 2:45 PM
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