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एक साल में 1 लाख तक पहुंच जाएगा सेंसेक्स? मॉर्गन स्टैनली ने दिए बड़े संकेत, जानें पूरा मामला

Published on: May 21, 2025, 7:13 pm

Source: MoneyControl

जानी-मानी इंटरनेशनल ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टैनली (Morgan Stanley) ने भारतीय शेयर बाजार को लेकर एक नई रिपोर्ट निकाली है। मॉर्गन स्टैनली का कहना है कि शेयर बाजार में सितंबर के ऑल टाइम हाई से काफी गिरावट आ चुकी है और अब यह गिरावट भारत के लॉन्ग-टर्म ग्रोथ स्टोरी में निवेश का एक शानदार मौका मुहैया करा रही है। इसके साथ ही मॉर्गन स्टैनली ने सेंसेक्स के लिए अपने टारगेट में भी बदलाव किया है। ब्रोकरेज ने कहा कि उसके बुल केस में सेंसेक्स अगले साल जून 2026 तक 1,00,000 अंक के जादुई आंकड़े को भी छू सकता है।

मॉर्गन स्टैनली ने अपनी रिपोर्ट में सेंसेक्स को लेकर तीन अलग-अलग परिस्थितियों निकाली हैं। बेस केस, बुल केस और बियर केस। मॉर्गन स्टैनली ने इन तीनों केस में सेंसेक्स को अलग-अलग वजहों से अलग-टारगेट दिए हैं।

Sensex का Base Case (संभावना: 50%)

सबसे पहले बेस केस की बात करते हैं, जिसके होने की संभावना ब्रोकरेज ने 50 फीसदी जताई है। मॉर्गन स्टैनली के इक्विटी स्ट्रैटेजिस्ट्स रिद्धम देसाई और नयंत पारिख के मुताबिक, सेंसेक्स अपने बेस केस में जून 2026 तक 89,000 अंक के स्तर तक जा सकता है, जो अभी मौजूदा स्तर से करीब 8% की बढ़त दिखाता है। ब्रोकरेज ने इस अनुमान के पीछे कई मजबूत कारण बताए हैं, जैसे भारत की इकोनॉमी में मजबूती, निवेश के माहौल में स्थिरता और ब्याज दरों में गिरावट।

इस अनुमान में यह भी मान लिया गया है कि अमेरिका में अगले एक साल तक मंदी नहीं आएगी, क्रूड ऑयल के दाम स्थिर रहेंगी, और भारत-अमेरिका के बीच ट्रेड डील पर जल्द ही समझौता हो जाएगा। मॉर्गन स्टेनली ने यह भी कहा कि अगर शॉर्ट-टर्म में ब्याज दरों में 50 बेसिस पॉइंट की कटौती होती है और लिक्विडिटी का माहौल अच्छा रहता है, तो यह ग्रोथ और तेज हो सकती है। ब्रोकरेज ने कहा कि इस बेस केस सीनेरियो में सेंसेक्स की अर्निंग्स FY28 तक 16.8% की CAGR से बढ़ सकती है।

Sensex का Bull Case (संभावना: 30%)

अब आते हैं बुल केस पर, जिसके होने की संभावना मॉर्गन स्टैनली ने करीब 30 फीसदी जताई है। मॉर्गन स्टैनली ने अगर बेस हाल से परिस्थितियां थोड़ी और बेहतर हुईं तो उसके बुल केस में सेंसेक्स जून 2026 तक 1 लाख के स्तर तक पहुंच सकता है। ब्रोकरेज ने कहा कि ऐसा तभी होगा जब कच्चे तेल के दाम $65 प्रति बैरल से नीचे बने रहें, जिससे RBI के लिए ब्याज दरों में और कटौती का रास्ता साफ हो।

इसके अलावा, ब्रोकरेज ने ग्लोबल ट्रेड से जुड़ीं चिताओं के कम होने और ट्रेड समझौते के मोर्चे पर सुधार को बुल केस के लिए अहम बताया है। मॉर्गन स्टैनली ने कहा कि भारत सरकार अगर कोई बड़ा सुधार करती है, जैसे GST दरों में कटौती या कृषि सुधारों का ऐलान, तो इससे भी भारत की आर्थिक ताकत बढ़ेगी और ये सेंसेक्स को 1,00,000 तक पहुंचने में मददगार साबित हो सकते हैं। ब्रोकरेज ने कहा कि इस केस में सेंसेक्स का अर्निंग्स CAGR वित्त वर्ष 2025 से 2028 के बीच 19 फीसदी रह सकता है।

Sensex का Bear Case (संभावना: 20%)

अब आते हैं मॉर्गन स्टैनली के तीसरे और आखिरी केस सीनारियो पर, जो इसका बियर केस हैं। ब्रोकरेज ने कहा कि अगर यहां से हालात बिगड़ते और चीजें उसके अनुमान के मुताबिक नहीं होती हैं, तो फिर सेंसेक्स ऊपर चढ़ने की जगह, जून 2026 तक 70,000 के स्तर नीचे गिर सकता है। ब्रोकरेज ने कहा कि ऐसा होने की संभावना करीब-करीब 20 फीसदी है।

मॉर्गन स्टैनली ने कहा कि कम से कम तीन ऐसी आशंकाए हैं, जिसके चलते बियर केस देखने को मिल सकता है। पहली आशंका यह है कि क्रूड ऑयल के दाम प्रति बैरल 100 डॉलर के पार चले जाएं। ऐसी स्थिति में महंगाई दर बढ़ेगी और फिर महंगाई को काबू में करने के लिए आरबीआई को ब्याज दरों में इजाफा करना पड़ सकता है। दूसरी आशंका यह है कि अमेरिका की इकोनॉमी या फिर ग्लोबल इकोनॉमी मंदी की चपेट में आ जाए। इसके अलावा तीसरी आशंका कंपनियों की अर्निंग्स ग्रोथ में तेज गिरावट की है, जिसके चलते मार्केट वैल्यूएशन पर दबाव बढ़ जाएगा। मॉर्गन स्टैनली ने कहा कि ऐसी स्थिति में FY28 तक Sensex की अर्निग्स ग्रोथ 15% CAGR तक सिमट सकती है, जो मार्केट में बियर केस ला सकता है।

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Tags: #share markets

First Published: May 21, 2025 6:24 PM

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